Mahakumbh 2025 Live Updates:महाकुंभ संगम में ओम बिरला ने पीयूष गोयल के साथ संगम में लगाई डुबकी, भीड़ के चलते कोखराज टोल प्लाजा हुआ फ्री

महाकुंभ संगम

महाकुंभ 2025: आस्था और अध्यात्म का महासंगम

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होते ही पूरे देश और दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज के संगम तट पर एकत्रित हो रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिकता, संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है। संगम पर डुबकी लगाना मोक्ष प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है। इस साल का महाकुंभ कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें नई व्यवस्थाओं, सुरक्षा इंतजामों और डिजिटल सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।

महाकुंभ 2025 लाइव अपडेट

महाकुंभ 2025 का आज 34वां दिन है, और अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। इसके बावजूद श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों का सैलाब संगम तट की ओर उमड़ रहा है। शनिवार सुबह संगम की ओर जाने और आने वाले सभी रास्तों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरे क्षेत्र का दृश्य अद्भुत हो गया।

विशेष वंदे भारत ट्रेन की सुविधा

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। 17 फरवरी तक विशेष वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है, जिससे श्रद्धालु आसानी से प्रयागराज पहुंच सकें।

Mahakumbh pooja
Mahakumbh pooja

लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्रियों का संगम स्नान

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी आज महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि महाकुंभ में अब तक 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक कार्यों का जिक्र किया, जिनमें राम मंदिर का अभिषेक समारोह, महाकुंभ आयोजन और अनुच्छेद 370 को हटाना शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के पूर्व सहायक महासचिव और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे यहां आकर बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, “हमने जो सुना था, वह यह है कि यहां व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं।”

महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं का हादसा

भदोही के औराई कोतवाली क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर महाकुंभ जा रहे छह श्रद्धालु सड़क हादसे का शिकार हो गए। तीन श्रद्धालुओं की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महाकुंभ में हुई अव्यवस्थाओं और बदइंतजामी को छिपाने की कोशिश कर रही है।

संगम में स्नान की महत्ता

हर बारह वर्ष में आयोजित होने वाले महाकुंभ में संगम में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल, मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दिन मुख्य स्नान पर्व हैं। इन तिथियों पर संगम पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

संगम क्षेत्र की विशेष व्यवस्थाएं

इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने संगम क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, जिसमें ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी निगरानी और हेलिकॉप्टर से सुरक्षा का जायजा लिया जा रहा है। संगम पर सफाई व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है ताकि गंगा और यमुना की पवित्रता बनी रहे।

संगम तट पर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम

महाकुंभ के दौरान संगम तट पर विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिव कथा, योग शिविर, गंगा आरती और भजन संध्याएं यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाले श्रद्धालु संगम की दिव्यता का अनुभव कर रहे हैं।

संगम और पर्यावरण संरक्षण

महाकुंभ 2025 में सरकार और संत समाज ने मिलकर संगम क्षेत्र की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। गंगा और यमुना की निर्मलता बनाए रखने के लिए हजारों स्वयंसेवक दिन-रात सेवा में जुटे हैं। गंगा स्वच्छता अभियान के तहत संगम क्षेत्र में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

संगम और नागा संन्यासियों की भव्य शोभायात्रा

महाकुंभ के दौरान अखाड़ों के नागा संन्यासियों की पेशवाई सबसे बड़ा आकर्षण होती है। जब नागा संन्यासी भव्य जुलूस निकालते हैं और संगम में स्नान करते हैं, तो यह दृश्य देखने लायक होता है। उनके ध्वज, शंखनाद और जयकारों से पूरा संगम क्षेत्र भक्तिमय हो जाता है।

निष्कर्ष: संगम में स्नान से आत्मशुद्धि

महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और भक्ति का महासंगम है। संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालु इसे अपने जीवन का सबसे पवित्र क्षण मानते हैं। इस बार की व्यवस्थाएं, पर्यावरण संरक्षण की पहल, और आध्यात्मिक कार्यक्रमों ने इस महाकुंभ को और भी भव्य बना दिया है। यदि आप अब तक संगम में स्नान के लिए नहीं पहुंचे हैं, तो जल्द ही आइए और इस दिव्य अनुभव का हिस्सा बनिए।

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